छत्तीसगढ

नियम विरुद्ध लगाया जा रहा स्पंज आयरन प्लांट, केन्द्रीय पर्यावरण मंडल और  प्लांट को 2 सप्ताह में जवाब देने के निर्देश

बिलासपुर । स्पंज आयरन प्लांट के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें केन्द्रीय पर्यावरण मंडल और पावर प्लांट की ओर से जवाब प्रस्तुत नहीं किया जा सका। कोर्ट ने दो सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए हैं। बलौदाबाजार भाटापारा जिले से 8 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम खजूरी में विगत कई वर्षों से अनिमेष पॉवर प्लांट का संचालन किया जा रहा है। उसी स्थान पर और जमीन खरीदकर स्पंज आयरन प्लांट स्थापित कंपनी द्वारा किया जा रहा है। इसका ग्रामीणों द्वारा 6-7 वर्षों से लगातार विरोध किया जा रहा था। आसपास के 7-8 गांवों के लोगों ने प्लांट के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित किया है। सरकार एवं प्रशासन द्वारा कोई ध्यान न देने पर दिलीप कुमार पांडेय एवं अन्य ग्रामीणों के द्वारा जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि नदी, नाले, जंगल एवं रिहायशी इलाकों के समीप इस तरह के किसी भी उद्योग को लगाने की अनुमति कैसे दी जा सकती है, जिससे पर्यावरण के साथ जल आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित होगा। हाईकोर्ट ने मामले में शासन से पूछा है कि बिना जगह का मुआयना किए उक्त भूमि का औद्योगिक डायवर्सन किस आधार पर किया गया। कोर्ट ने कहा कि बिना जनसुनवाई, बिना जगह देखे, ग्रामीणों के इतने विरोध के बावजूद प्लांट लगाने की अनुमति कैसे दी गई। इस पर जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं।

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