Sanctioned Uninitiated Tasks : नगरीय निकायों में वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक स्वीकृत अप्रारंभ कार्य पुनः स्वीकृति के बाद ही किए जा सकेंगे प्रारंभ
![CG Labor Department: Meritorious children of workers received incentive amount of Rs 11 crore 32 lakh.](https://breakingaajtaknews.com/wp-content/uploads/2024/02/22_12_2023-mahanadi_bhavan_file_photo.jpg)
रायपुर, 28 फरवरी। Sanctioned Uninitiated Tasks : प्रदेश के नगरीय निकायों में वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक स्वीकृत अप्रारंभ कार्यों को नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में पुनः स्वीकृति के बाद ही प्रारंभ किए जा सकेंगे। नगरीय निकायों में अधोसंरचना मद एवं राज्य प्रवर्तित योजना के अंतर्गत स्वीकृत अप्रारंभ कार्यों को शुरू करने के लिए विभाग से पुनः मंजूरी लेनी होगी।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने वित्तीय अनुशासन और शासकीय व्यय में मितव्ययिता बरतने वित्त विभाग के निर्देश के अनुपालन में नगरीय निकायों को परिपत्र जारी किया है। विभाग ने नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में प्राथमिकता वाले अप्रारंभ व निरस्त कार्यों को वर्ष 2023-24 के प्रस्ताव में पुनः शामिल कर स्वीकृति के लिए संचालनालय या राज्य शहरी विकास अभिकरण ( SUDA) भेजने को कहा है।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने सभी नगर निगमों के आयुक्त तथा नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी को जारी परिपत्र में कहा है कि राज्य शासन द्वारा शासकीय व्यय में मितव्ययिता बरतने के संबंध में समय-सीमा पर निर्देश जारी किए गए हैं। इसी अनुक्रम में वित्तीय अनुशासन की दृष्टि से वित्त विभाग द्वारा पुनः निर्देश जारी किए गए हैं।
परिपत्र में सभी नगरीय निकायों को निर्देशित किया गया है कि इस परिपत्र के जारी होने के दिनांक से राज्य बजट से वित्त पोषित सभी अप्रारंभ निर्माण कार्यों को वित्त विभाग की पुनः सहमति के उपरांत ही प्रारंभ किया जाए। अधोसंरचना मद एवं राज्य प्रवर्तित योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2023-24 में स्वीकृत ऐसे कार्य जो अप्रारंभ हैं, उन्हें निरस्त किया जाता है।
परिपत्र में कहा गया है कि यदि अप्रारंभ या निरस्त किए गए कार्य संबंधित नगरीय निकाय की प्राथमिकता में हैं, तो ऐसे कार्यों को चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के प्रस्ताव में पुनः शामिल कर विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार मदवार पृथक-पृथक नवीन पूर्ण प्रस्ताव संचालनालय या राज्य शहरी विकास अभिकरण को प्रेषित करें।