Rice Breeding Modernization : कृषि मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कृषि विश्वविद्यालय में धान प्रजनन आधुनिकीकरण कार्यक्रम का लोकार्पण किया
![Rice Breeding Modernization: Agriculture Minister Tamradhwaj Sahu inaugurated the Rice Breeding Modernization Program in Agricultural University.](https://breakingaajtaknews.com/wp-content/uploads/2023/09/1693836742_ce8e22cdbffca28bf1f2-e1693840298266.jpeg)
रायपुर, 04 सितम्बर। Rice Breeding Modernization : छत्तीसगढ़ के कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने आज इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित विभिन्न कृषि अनुसंधान परियोजनाओं एवं गतिविधियों का निरीक्षण किया । उन्होंने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के सहयोग से संचालित धान प्रजनन आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत एक्सीलरेटेड ब्रीडिंग फेसिलिटी का लोकार्पण किया। कंसल्टेटिव ग्रुप ऑफ इंटरनेशनल एग्रीकल्चरल रिसर्च (सी.जी.आई.ए.आर.) के तकनीकी मार्गदर्शन में संचालित इस कार्यक्रम के तहत धान की नवीन किस्मों के विकास में लगने वाली 12 वर्ष की अवधि को घटाकर कर 6 वर्ष किया जा सकेगा।
लोकार्पण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष रामकुमार पटेल, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल तथा सी.जी.आई.ए.आर. के प्रमुख डॉ. संजय कटियार, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी, कुलसचिव जी.के. निर्माम सहित परियोजना के जुड़े अनेक कृषि वैज्ञानिक उपस्थित थे।
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मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किसानों की बेहतरी के लिए किए जा रहे अनुसंधान कार्यों एवं प्रौद्योगिकी विकास कार्यक्रम की सराहना की। ताम्रध्वज साहू ने राज्य कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान में संचालित जैविक खेती मिशन तथा कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम में शामिल कृषकों तथा कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया। ताम्रध्वज साहू ने कहा कि किसानों को उन्नत तकनीक का इस्तेमाल करते हुए खेती करनी चाहिए और समय समय पर प्रशिक्षण हासिल कर अनुभव को खेती किसानी में अच्छे से इस्तेमाल करना चाहिए।
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इस दौरान ताम्रध्वज साहू ने कृषि विश्वविद्यालय परिसर में संचालित टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला का अवलोकन किया तथा वहां टिश्यू कल्चर तकनीक के माध्यम से विकसित किये जा रहे केला, गन्ना, आर्किड आदि के पौधों का अवलोकन किया। श्री साहू ने डॉ. आर.एच. रिछारिया प्रयोगशाला में संचालित अक्ती जैव विविधता संग्रहालय में संग्रहित धान की 23 हजार 250 किस्मों का अवलोकन किया। यह अन्तर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान मनीला के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा धान जननद्रव्य संग्रहालय है। मंत्री ताम्रध्वज साहू ने वहां धान से प्रोटीन, शुगर सीरप तथा बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक निर्माण की प्रौद्योगिकी का भी अवलोकन किया।