छत्तीसगढ

छत्तीसगढ़-बलरामपुर में शिविर में बताई सावधानियां, दूषित जल एवं भोजन के सेवन से करें परहेज

बलरामपुर.

कलेक्टर श्री रिमिजियुस एक्का के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में मानसून काल में मौसमी बीमारियों से बचाव हेतु दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बसंत सिंह ने बताया है कि जल जनित रोग बरसात के मौसम में होता है। उन्होंने बताया कि एक ही समय में एक स्थान पर अनेक लोग एक ही प्रकार की बीमारी से प्रभावित होते हैं, तब ऐसी स्थिति को एपिडेमिक कहते हैं।

जहां पर लोग हैजा, डायरिया, उल्टी-दस्त, टाइफाइड इत्यादि बीमारियों से ग्रसित होते हैं। ऐसे बीमारियां मुख्यतः दूषित पानी या दूषित भोजन को कारण होता है। इस प्रकार के बीमारियों से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जल जनित रोग से बचाव के संबंध में भी जानकारी दी है, कि पानी के स्त्रोत को हमेशा साफ रखें। बरसात के मौसम में उबला हुआ पानी पीयें, खाने के समान को हमेशा साफ रखें, दूषित भोजन का सेवन न करें। साथ ही उन्होंने जल जनित बीमारी से निदान के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि घर पर उपलब्ध तरल पदार्थ का ही सेवन करें। अपने आस-पास के मितानिन एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता से संपर्क करें। जरूरत पड़ने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर अपना इलाज अवश्य रूप से कराने को कहा है। उन्होंने बरसात के मौसम में बच्चों को होने वाले उल्टी-दस्त के संबंध में बताया है कि 05 वर्ष के बच्चे बरसात के मौसम में डायरिया से ग्रसित होते है। इसके रोकथाम के लिए प्रशासन द्वारा जुलाई माह में गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत बच्चों के खान-पान, स्वच्छता, आदि के बारे में बताया जा रहा है, जिससे कि डायरिया ना हो, साथ ही बचाव हेतु आवश्यक समझाइश भी दी जा रही है।

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