छत्तीसगढ़-सुकमा में पामलुर के जंगलों में फर्जी मुठभेड़, नक्सलियों ने किया प्रेस नोट जारी कर दावा
सुकमा.
पामलुर के जंगलों में बीते दिनों सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद नक्सली संगठन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए इस मुठभेड़ को फर्जी मुठभेड़ होने का आरोप लगाया है। बीते दिनों पुलिस ने पामलुर के जंगलों में पांच लाख के इनामी नक्सली को मार गिराने का दावा किया था, जिस पर अब नक्सलियों की किस्टाराम एरिया कमेटी सवाल खड़े कर रही हैं।
हालांकि पुलिस ने नक्सलियों के आरोप को झूठ बताया है। पुलिस का कहना है कि इस तरह के आरोप आदतन है। नक्सली पहली बार किसी मुठभेड़ पर आप नहीं लग रहे हैं। केंद्र-राज्य सरकार ऑपरेशन कगार हमलों के अंतर्गत सैनिक शसस्त्र पुलिस बलों द्वारा हमारे कार्यकर्ता लोकेश को फर्जी मुठभेड़ में हत्या की। जल, जंगल, जमीन व अस्तित्व अस्मिता-आत्मसमान के लिए लड़ाई लड़ेंगे। इसके आगे नक्सलियों ने लिखा है कि सुकमा जिला, किस्टारम थाना अंतर्गत पामलुर गांव में हमारे कार्यकर्ता रहने का सूचना के आधार पर 7 अक्तूबर 2024 को शाम तीन बजे सुकमा से अर्ध सैनिक बल सौ से अधिक संख्या में सीआरपीएफ, कोबरा, डीआरजी ने मोटर साइकिलों से आकर पामलुर गांव को घेराबंदी कर पहले से वहां रहे हमारे पार्टी का तीन कार्यकर्ताओं को पकड़ा गया। नक्सलियों का आरोप है कि इन में से पोट्टाम लोकेश (किस्टारम एरिया कमेटी सदस्य) को क्रूर यातनाएं देकर फर्जी मुठभेड़ में हत्या कर हमेशा की तरह मुठभेड़ होने का मन गढ़ता कहनी को दोहराया है। नक्सलियों ने यह भी आरोप लगाया है कि कमला, पवन को पुलिस हिरासत में रखकर आज तक इन दोनों को कोर्ट में भी नहीं पेश कर रही है। लोकेश बीजापुर जिला गंगालुर थाना अंतर्गत कोरचिल गांव के निवास था। इनके माता मंगली, पिता सन्नू, बचपन का नाम आशु पोट्टाम, 5वी कक्षा तक पढ़ाई किया था। उन्होंने 2014 में पार्टी में भर्ती होकर तब से लेकर आज तक अलग-अलग पार्टी युनिटों में कार्य करते हुए 2022 मई महीने में दक्षिण बस्तर डिविजन, किस्टारम एरिया में तबदला होकर डीएकेएमएस अध्यक्ष के रूप में कार्यरत था। प्रेस विज्ञप्ति के जरिए नक्सलियों का यह आरोप है कि केंद्र-राज्य की भाजपा सरकार रणनीति सुरजकुंड योजना के अंतर्गत कगार सैनिक हमलों को तेज कर रही है। इस के तहत हमारे पार्टी, पीएलजीए एवं क्रांतिकारी जनता के ऊपर दिन ब दिन गांवों पर हमला करना, लोगों को मारपीट करना, झूठा केसों में फंसाकर जेलों में ठूंसना, महिलाओं के साथ सेड़ – सढ़ करना, आम लोगों को क्रूर यातनाएं देकर फर्जी मुठभेड़ों में हत्या करना आम बात बन रहा है। सभी प्रगतिशील, मानवाधिकार संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, आदिवासी सामाजिक संगठनों, छात्र, युवा, महिला संगठनों, किसान-मजदूर संगठनों पत्रकारों से किस्टारम एरिया कमेटी अपील कि है कि पामलुर कथित फर्जी मुठभेड़ एवं पुलिस हिरासत में रहे दो साथी कमला और पवन को कोर्ट में पेश करने की मांग की है।