छत्तीसगढ

सात हाईवा समेत 13 वाहनों को खनिज विभाग ने जब्त किया, नहीं लग रही खनिज माफियाओं पर लगाम

बिलासपुर

हाईकोर्ट की सख्ती के बाद भी बिलासपुर में जिला प्रशासन के अफसर अवैध उत्खनन करने वालों पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं। यही वजह है कि अरपा नदी सहित आसपास के इलाकों में धड़ल्ले से अवैध रेत उत्खनन चल रहा है। इधर, खनिज विभाग के अफसर अवैध उत्खनन पर प्रतिबंध लगाने का दावा कर रहे हैं। पिछले दो दिनों में 15 रेत घाटों में छापेमारी कर सात हाईवा समेत 13 वाहनों की जब्ती बनाई गई है, जिसमें वाहन मालिकों पर खनिज अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।

दरअसल, अरपा नदी में अवैध उत्खनन रोकने पर हाईकोर्ट ने प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है, जिसके बाद भी तोरवा के दोमुहानी से लेकर दयालबंद, सरकंडा, कोनी, तुर्काडीह, सेंदरी सहित घुटकू व आसपास के इलाकों में अवैध उत्खनन कर रेत चोरी किया जा रहा है। इसके साथ ही सीपत, मस्तूरी और कोटा क्षेत्र के गांवों में भी बेधड़क होकर रेत माफिया अवैध उत्खनन कर रहे हैं।

खनिज विभाग का दावा- अवैध उत्खनन पर सख्ती से हो रही कार्रवाई
खनिज विभाग के अफसरों का दावा है कि अवैध उत्खनन और परिवहन पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। विभाग की टीम ने बीती रात ग्राम लोधीपारा, कोनी, सेंदरी, कछार, लोफंदी, मंगला, धुरीपारा, लोखंडी, निरतू, घुटकू, लमेर, नेवरा, कोटा बोड़सरा, सिरगिट्टी क्षेत्र मे रेत खदान एवं खनिज परिवहन कर रहे वाहनों की सघन जांच की गई। इस दौरान सेंदरी क्षेत्र में चार हाइवा व लोधीपारा क्षेत्र में दो ट्रैक्टर को खनिज रेत का अवैध परिवहन करते पाये जाने पर पुलिस थाना कोनी की अभिरक्षा में रखा गया है। नेवरा क्षेत्र में तीन हाइवा, एक जेसीबी, एक चेन माउंटेड मशीन को खनिज मिट्टी, मुरुम का अवैध उत्खनन एवं कोटा क्षेत्र में दो ट्रैक्टर को खनिज रेत का अवैध परिवहन करते पाए जाने पर चैन माउंटेड मशीन को सुपुर्दगी में देते हुए अन्य सभी वाहनों को पुलिस थाना कोटा की अभिरक्षा में रखा गया है। रायल्टी पर्ची के बिना खनिजों का उत्खनन और परिवहन करने वाले सभी 13 वाहन चालकों व मालिकों पर छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियम 2015 के नियम 71 खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम की धारा 21 के तहत खनिज के अवैध परिवहन का प्रकरण दर्ज किया गया है।

पुलिस भी नहीं करती कार्रवाई
हाईकोर्ट ने अवैध उत्खनन पर रोक लगाने जिला प्रशासन को सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही दोषियों के खिलाफ केवल जुर्माना वसूली करने के बजाय FIR कराने के लिए भी कहा है। लेकिन, खनिज विभाग की टीम के साथ ही पुलिस भी जब रेत परिवहन करते हुए वाहनों को जब्त करती है, तो FIR दर्ज करने के बजाय केस को खनिज विभाग को सौंप दिया जाता है।

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