Millet Cafe & Gadkaleva : प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने किया मिलेट कैफे एवं गढ़कलेवा स्वल्पाहार भवन का उद्घाटन
![Millet Cafe & Gadkaleva: Minister in-charge Kawasi Lakhma inaugurated Millet Cafe and Gadkaleva Swalpahar Bhavan](https://breakingaajtaknews.com/wp-content/uploads/2023/03/46B6BBBE-40F5-48A2-8688-4FD7CFBFE44A-e1678188211940.jpeg)
नारायणपुर, 07 मार्च।Millet Cafe & Gadkaleva : प्रदेश के वाणिज्यक कर (आबकारी), वाणिज्य एवं उद्योग तथा जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने आज जिला कार्यालय जाने वाले मार्ग पर जिला प्रशासन द्वारा बनाये गये मिलेट एवं गढ़कलेवा ’’गढ़कलेवा’’ स्वल्पाहार भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होने कहा कि जिले की मां दंतेश्वरी स्व सहायता समूह द्वारा किया गया यह कार्य अत्यंत सराहनीय है। उन्होने यह भी कहा कि बस्तर में उत्पादित होने वाले रागी, कोदो, कुटकी सहित अन्य मोटे अनाजों का बेहतर उपयोग हो सकेगा।
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इस अवसर पर उन्होने इस महिला स्व सहायता समूह को मिलेट कैफे के संचालन के लिए छत्तीसगढ़ महिला कोष से एक लाख रूपये का ऋण चेक भी प्रदान किया। इस दौरान छत्तीसगढ़ हस्त शिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष एवं विधायक चंदन कश्यप, जिला पंचायत अध्यक्ष श्यामबत्ती नेताम, उपाध्यक्ष देवनाथ उसेण्डी, नगरपालिका अध्यक्ष सुनीता मांझी, जनपद पंचायत अध्यक्ष पंडी राम वड्डे, रजनू नेताम, प्रमोद नेलवाल, अन्य जनप्रतिनिधिगण, कलेक्टर अजीत वसन्त, जिला पंचायत के मुख् कार्यपालन अधिकारी देवेश कुमार ध्रुव, एसडीएम जितेन्द्र कुर्रे, कृषि महाविद्यालय की डॉ. रत्ना नशीने, अन्य अधिकारी – कर्मचारी एवं नागरिगण उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि उक्त ’’गढ़कलेवा’’ में आम खान पान के अतिरिक्त मिलेट्स से बने व्यंजन जैसे रागी के अलावा अन्य मोटे अनाजो से निर्मित मुठिया, चीला, फरा, बड़ा, खुरमी, तिल लड्डू, साबूदाना खिचड़ी, रागी दोसा, लड्डू, पकौड़ा, रागी ईडली, कोदो कुटकी उपमा, खिचड़ी, कुकीज आदि खाद्य सामग्री भी उपलब्ध रहेगी और इसे कृषि विज्ञान केन्द्र के स्व सहायता महिला समूहों द्वारा संचालित किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के अन्य जिलो में भी मिलेट्स कैफे खोले जा रहे है। इस संबंध में मोटे अनाजों के उत्पादन और उपभोग को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट ईयर के रूप में मनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में रागी, कोदो, कुटकी जैसे मोटे अनाजों और लघु धान्य फसलों की पैदावार बढ़ाने, इनकी खरीदी की अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित करने और इनकी प्रोसेसिंग कर इन्हें शहर के बाजारों तक पहुंचाने के लिए मिशन-मिलेट शुरू किया गया है। राज्य सरकार ने कोदो, कुटकी और रागी का समर्थन मूल्य तय करने के साथ-साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में इन्हें भी शामिल किया है। मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए गौठानों में विकसित किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में मिलेट्स प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जा रहे हैं। प्रदेश के 14 जिलों को इस मिशन में शामिल किया गया है। इसके लिए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद से एमओयू किया गया है। एमओयू के अंतर्गत इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी एवं रागी की उत्पादकता बढ़ाने, तकनीकी जानकारी, उच्च क्वालिटी के बीज की उपलब्धता और सीड बैंक की स्थापना के लिए सहयोग और मार्गदर्शन दे रहा है।