छत्तीसगढ

स्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, नारायणपुर, कांकेर और कोंडागांव में जल प्रलय के हालात, दर्जनों गांव टापू बने

जगदलपुर ।  बस्तर में दो दिनों से जारी बरसात ने कोहराम मचा रखा है। जल प्रलय जैसा मंजर नजर आ रहा है। जगदलपुर तो जलमहल बन ही गया है, संभाग के अधिकांश जिलों के दर्जनों गांव जिला और विकासखंड मुख्यालयों से कट गए हैं। सारे नदी नाले उफान पर हैं। दर्जनों गांवों में आवागमन ठप हो गया है। ग्रामीण अपने गांव में ही कैद होकर रह गए हैं। बस्तर सांसद महेश कश्यप का गृहग्राम कलचा को जोड़ने वाली सड़क भी पूरी तरह जलमग्न हो गई है। बस्तर जिले में शुक्रवार देर रात से शुरू हुआ झमाझम बारिश का दौर रविवार को भी लगभग उसी गति से जारी रहा। उधर संभाग के बीजापुर और सुकमा जिलों में तो बारिश कहर बरपा रही है। लगातार हो रही बरसात से जगदलपुर विकासखंड के शहरी क्षेत्र से जुड़े ग्राम और दूरस्थ ग्राम तक पहुंचना अब मुश्किल हो चला है। तुरेनार, चितलुर, डोंगरीगुड़ा, समेत दर्जनों गांव पहुंच से दूर हो गए हैं। विकासखंड की ग्राम पंचायत गरावंड, तुरेनार  कलचा, डोंगरीगुड़ा, चितालूर के रास्तों पर निर्मित छोटे पुल पुलिया नदी नालों की बाढ़ में डूब गए हैं। रोड बंद है खेत खलिहान भी लबालब नजर आ रहे हैं।
बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के. ने जगदलपुर शहर के जलमग्न इलाकों का निरीक्षण किया। नगर के गायत्री नगर, दलपत सागर वार्ड का कलेक्टर ने नगर निगम आयुक्त हरेश मंडावी के साथ भ्रमण कर पानी निकासी की व्यवस्था सहित ड्रेनेज की साफ-सफाई के लिए निगम के अधिकारियों को निर्देशित किए। जिस लगातार बारिश के कारण निचले इलाको में जल भराव की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने निचले ईलाके में सतत निगरानी रखने के साथ ही जल जमाव की समुचित निकासी सुनिश्चित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।

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