छत्तीसगढ

छत्तीसगढ़-रायपुर में आयुष्मान योजना में मनमानी पर जिस हॉस्पिटल को करवाया बंद, अब दूसरे नाम से हो रहा संचालन

रायपुर.

रायपुर के आरंग ब्लॉक में स्वास्थ्य विभाग की नाकामी देखने को मिल रही है. बीते महीनों में जिस अस्पताल पर भारी गड़बड़ी के चलते कार्रवाई की गई, उसे अब दूसरे नाम से संचालित किया जा रहा है. पहले ये अस्पताल सांई हॉस्पिटल के नाम से संचालित किया जा रहा था. जहां नियमविरुद्ध महिलाओं के गर्भाशय निकालने, गलत जांच रिपोर्ट बनाकर मरीजों की सर्जरी करना, आयुष्मान कार्ड में भारी गड़बड़ी करने जैसे नियमविरुद्ध काम धड़ल्ले से किये जा रहे थे.

स्वास्थ्य विभाग ने इस पर कार्रवाई की तो सांई हॉस्पिटल और राव पैथालॉजी के संचालक ने अस्पताल का नाम बदलकर राव मल्टी सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल रख दिया और फिर से उसी हॉस्पिटल को संचालित किया जाने लगा. इस अस्पताल के संचालक राजू साहू ने स्वास्थ्य सेवा के नाम पर केवल गलत ढंग से पैसे कमाने का जरिया बना कर रखा है. आरंग के कालेज चौक पर स्थित यह हॉस्पिटल पहले सांई समर्थ हॉस्पिटल के नाम से संचालित हो रहा था. सबसे पहले यहां आयुष्मान कार्ड में लापरवाही बरतने पर जुर्माना लगाया गया. जुर्माना लगने पर इसका नाम सांई हॉस्पिटल में बदल गया, फिर सांई हॉस्पिटल पर आरंग तहसीलदार सीता शुक्ला और आरंग बीएमओ डॉ. विजय लक्ष्मी अनंत ने कार्रवाई की. कार्रवाई के बाद अब यह हॉस्पिटल राव मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में बदल दिया गया है. बता दें, 24 सितंबर 2024 को शिकायत के आधार पर आरंग तहसीलदार सीता शुक्ला, विकासखंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजय लक्ष्मी अनंत ने संयुक्त रूप से सांई हॉस्पिटल का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान हॉस्पिटल में भारी गड़बड़िया मिली थी. हॉस्पिटल में ईलाज के नाम पर महिला मरीजों का गर्भाशय नियम विरुद्ध निकाला जाता था, हॉस्पिटल के पैरामेडिकल स्टाफ नर्सिंग होम एक्ट के अनुसार सक्षम नही थे. गलत डायग्नोसिस करके मरीजों को सर्जरी के लिए बोला जाता था. वहीं जहर खुरानी और दुर्घटनाओं जैसे कई मामलों पर संबंधित थाना को सूचित नहीं करते थे. जांच के बाद अधिकारियों ने हॉस्पिटल को एक सप्ताह के भीतर बंद करने के लिए कहा था. लेकिन इसके विपरित अब उसी हॉस्पिटल को ‘ राव मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल’ के नाम से संचालित किया जा रहा है. जांच कार्रवाई होने के बाद भी लगातार नाम बदलकर संचालित किये जा रहे अस्पताल पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर हॉस्पिटल को संरक्षण देने के आरोप लग रहे हैं. नियम विरुद्ध गर्भाशय निकालने जैसे गंभीर मामले में अभी तक संचालक और संबंधित डॉक्टर के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होना संचालक और स्वास्थ्य विभाग में साठगांठ की ओर इशारा कर रहा है. मरीजों की जान से खिलवाड़ करने और गरीब जनता की जेब में डाका डालने वाले अस्पताल और संचालक पर कार्रवाई न होने से लोगों का स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन से विश्वास उठने लगा है. इसे लेकर क्षेत्र के लोगों में खासा नाराजगी नजर आ रही है. हालांकि जिले से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी अवैध रूप से संचालित हॉस्पिटल और दोषी संचालक पर जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन दे रहे हैं.

गौर करने वाली बात यह भी है कि जब CMHO कार्यालय से 8 अगस्त 2024 को सांई हॉस्पिटल का निरीक्षण किया गया, उस दौरान भी कई खामियां पाई गई थी. जिसके बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने ही 20 अगस्त 2024 को हॉस्पिटल का संचालन बंद करने का आदेश दिया था. उसके बाद भी हॉस्पिटल का संचालन बेधड़क जारी था. ऐसे में अब सीएमएचओ इस हॉस्पिटल और संचालक राजू साहू पर कार्रवाई करते हैं या नहीं, यह देखने वाली बात होगी.

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