छत्तीसगढ

जामुन के व्यवसाय से समूह की महिलाएं बन रही लखपति – NNSP

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला अपने प्राकृतिक सौंदर्य और लघु वनोपजों के लिए मशहूर है। इसके साथ ही यहां के जंगलों में मौसमी फल जामुन, सीताफल, कटहल, मुनगा भी बहुतायत रूप में उपलब्ध होते हैं। जामुन के व्यवसाय से समूह की महिलाएं लखपति बनी रहीं हैं।

छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के अंतर्गत गठित स्वसहायता समूह की अध्यक्ष जानकी ओट्टी पेंड्रा जनपद पंचायत के एक छोटे से गांव पंडरीखार में रहती हैं। वर्ष 2016-17 में समूह से जुड़कर शैलपुत्री नाम का समूह गठन किया। उन्होंने समूह में अपनी सक्रियता दिखाते हुए आंगनबाडी में रेडी टू ईट का काम करने लगी इससे उनको महीने में 10 से 12 हजार रुपये की मासिक आय होने लगी।

जिले में वर्षाऋतु के मौसम में जामुन बहुत अधिक होता है। समूह की महिलाओं ने मिलकर जामुन इक्ट्ठा कर जिले से बाहर विक्रय करने की ठानी। उन्हें एक कैरेट जामुन में 600 रुपये तक मिल जाते हैं। वे प्रतिदिन 30 से 40 कैरेट सभी समूह की महिलाओं से एकत्रित कर बाहर भेजती हैं। जामुन के मौसम में प्रतिदिन 2,000 रुपये कमा लेती। साल भर में जामुन के एक ही सीजन में समूह द्वारा 40 से 50 हजार रुपये तक कमा लेती हैं।

इस कार्य में उनके पति एवं बेटे भी साथ देते हैं। समूह की महिलाओं ने बताया कि बिहान योजना में समूह से जुडने से जो सहयोग मिला है, उससे हमारा जीवन सुखद हो गया है। समूह की अध्यक्ष जानकी ने कहा कि मेरा सपना है कि भविष्य में अपने गांव को जामुन क्लस्टर बना कर हम पूरे जिले का जामुन बाहर बिकवाएंगे।

जामुन में पोषक तत्व

विटामिन्स – विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन के, और विटामिन बी डाइटरी फाइबर।
एंटीआक्सीडेंट – एंथोसायनिन
मिनरल्स – मैग्नीशियम, पोटेशियम, कैल्शियम, फोलेट, ज़िंक और आयरन, कार्बोहाइड्रेट्स।

जामुन के हैं ये फायदे :

  • जामुन के सेवन से लीवर की बीमारी दूर होती है।
  • मुंह में छाले होने पर जामुन के रस का प्रयोग करने से बहुत जल्दी आराम मिलता है।
  • दस्त होने पर जामुन के रस को सेंधा नमक के साथ मिलाकर खाने से दस्त बंद हो जाते हैं।
  • जामुन पाचनशक्ति बढ़ाता है और इससे एसिडिटी समेत पेट से संबंधित विकार कम होते हैं।
  • जामुन में कैंसर रोधी गुण भी पाए जाते हैं। कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी के बाद जामुन खाना फायदेमंद होता है।
  • जामुन खाने से पथरी की समस्या से निजात मिलती है। इसके लिए जामुन की गुठली के चूर्ण को दही के साथ मिलाकर खाना चाहिए।
  • ब्लड शुगर को कम करने के साथ जामुन के बीज रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर को भी कम करने में मदद करते हैं।

मधुमेह को करें नियंत्रित

मधुमेह के उपचार के लिए जामुन बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। मधुमेह के रोगी जामुन की गुठलियों को सुखाकर, पीसकर उनका सेवन करें। इससे शुगर का स्तर सामान्य रहता है। हालांकि जामुन में ग्लूकोज और फ्रक्टोज पाया जाता है, मगर फाइबर होने के कारण यह बहुत धीरे-धीरे खून में घुलता है, इसलिए डायबिटीज के मरीज चिकित्सक से सलाह लेकर इसे खा सकते हैं।

पेट की समस्याएं

पाचन तंत्र को सही करने और पेट की आम समस्याओं के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बीज के अर्क का उपयोग आंत और जननांग पथ के घावों और अल्सर के इलाज के लिए किया जाता है।
मुंहासे के लिए फायदेमंद

मुंहासे होने पर जामुन की गुठलियों को सुखाकर इसके पाउडर को गाय के दूध में मिलाकर सोने से पहले चेहरे पर लगाएं और सुबह ठंडे पानी से धो लें। तीन से चार सप्ताह तक इस लेप के प्रयोग से मुंहासे गायब हो जाते हैं। आवाज को मधुर बनाने के लिए भी जामुन का काढ़ा बहुत फायदेमंद होता है। जामुन की छाल को बारीक पीसकर नियमित मंजन करने से दांत मजबूत और रोग रहित होते हैं।

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