Free facility : श्रवण बाधितार्थ छात्राओं को कैम्पस में मिली स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार की निःशुल्क सुविधा
धमतरी, 14 फरवरी। Free facility : शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा को और अधिक सुगम व सुलभ बनाने प्रदेश शासन ने मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना वर्ष 2019 में लागू की। इससे निचले स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं और विभिन्न व्याधियों का उपचार बिना अस्पताल का रूख किए हो रहा है। पहले बीमार आदमी को अपना इलाज कराने अस्पताल तक जाना और लम्बी कतार में अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता था। प्रदेश के संवेदनशील मुखिया श्री भूपेश बघेल ने इन्हीं दिक्कतों को दृष्टिगत करते हुए यह योजना आमजनता के लिए लागू की है। स्वास्थ्य विभाग की चलित चिकित्सा इकाई वाली बस में 40 प्रकार की जांच हेतु रक्त व अन्य नमूने लिए जाते हैं, वहीं स्वास्थ्य का परीक्षण उपरांत रोगियों को निःशुल्क दवा भी वितरित की जाती है।
सोमवार 13 फरवरी को एमएमयू की बस जिला न्यायालय के समीप स्थित श्रवण बाधितार्थ शासकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय पहुंची, जहां पर 29 मूक-बधिर छात्राओं ने अपना उपचार कराया व आवश्यकतानुसार (Free facility) निःशुल्क औषधियां प्राप्त की। उपचार के दौरान कक्षा आठवीं की छात्रा कु. नंदिनी साहू, छठीं की छात्रा कु. प्राची मौर्य, उर्वशी और संजना मेहर ने इशारों में बताया कि उन्होंने सिरदर्द, बदन दर्द, सर्दी, खांसी, बदन दर्द और सामान्य फ्लू की शिकायत का उपचार कराया।
इसी तरह कक्षा दसवीं की कु. काजल सोम, भूमिका साहू ने भी चिकित्सक से इलाज कराकर प्रसन्नता जाहिर की। शिक्षिका ने बताया कि (Free facility) एमएमयू की बस प्रत्येक 15 दिनों में नियमित रूप से यहां पहुंचती है और बच्चियां का पंजीयन करके स्वास्थ्य परीक्षण, आवश्यकतानुसार खून, कफ, पेशाब आदि का सैम्पल लेकर मेडिकल स्टाफ द्वारा मौके पर ही निःशुल्क दवाइयां वितरित की जाती हैं। संस्था की अधीक्षक श्रीमती उमा देवांगन ने बताया कि उनके आवासीय विद्यालय में 80 छात्राएं दर्ज हैं और आज 29 छात्राओं ने सामान्य शारीरिक शिकायतों को लेकर इलाज कराया। उन्होंने यह भी कहा कि यह योजना बच्चियों के लिए वरदान साबित हुई है। पहले इन छात्राओं के इलाज के जिला चार किलोमीटर दूर जिला अस्पताल ले जाना पड़ता था, जहां आने-जाने और इलाज कराने में पूरा दिन लग जाता था, वहीं एमएमयू के प्रारम्भ होने से बच्चों को उनके स्कूल कैम्पस में घर-पहुंच सेवाएं मिल रही हैं।