Crop Residue Management : कृषि उत्पादन बढ़ाने और उर्वरता संरक्षण पर किसानों को दी गई जानकारी
![Crop Residue Management: Information given to farmers on increasing agricultural production and fertility conservation.](https://breakingaajtaknews.com/wp-content/uploads/2024/01/1705844053_753371f7ff914c3420ce-780x470.jpeg)
रायपुर, 20 जनवरी। Crop Residue Management : कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि किसानांे को भरपूर उत्पादन लेने के लिए भूमि की उर्वरता को संरक्षित रखना चाहिए। इसके लिए उन्हें फसल अवशेष प्रबंधन के साथ ही रासायनिक खादो पर निर्भरता कम करते हुए अधिक से अधिक जैविक खादो का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा उन्हें फसल चक्रण भी अपनाना होगा। यह जानकारी छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद्, रायपुर एवं फार्मर्स फर्स्ट परियोजना, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में राजनांदगांव के पं. शिव कुमार शास्त्री कृषि महाविद्यालय एवं अनुसन्धान केंद्र सुरगी में आयोजित कार्यशाला में दी गई।
इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के 38वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित इस कार्यशाला में छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के वैज्ञानिक डॉ. अखिलेश त्रिपाठी ने फसल अवशेष प्रबंधन एवं संसाधन उपयोग क्षमता बढ़ाने हेतु संरक्षित कृषि के लिए कृषक बंधुओं एवं छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया। उन्होंने कृषि विषयों के शोधार्थियों एवं कृषि वैज्ञानिकों को मौसम पूर्वानुमान से संबंधित अन्वेषण की ओर अपनी खोज करने हेतु प्रेरित किया। ग्राम सुरगी के सरपंच श्री आनंद साहू ने जैविक खाद के उपयोग पर जोर दिया।कृषि कर्मचारी संघ द्वारा मुख्य अतिथि के कर कमलों से इस वर्ष के पंचांग का विमोचन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक डॉ. विनम्रता जैन, प्राध्यापक ने कार्यक्रम का संचालन किया एवं सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक के साथ ही बड़ी संख्या में कृषक और छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
![अनुसन्धान केंद्र में हुई एक दिवसीय कार्यशाला](https://dprcg.gov.in/public/uploads/ckeditor/images/1705843992_849269d8080410502d54.jpeg)
![राजनांदगांव जिले के पं. शिव कुमार शास्त्री कृषि महाविद्यालय](https://dprcg.gov.in/public/uploads/ckeditor/images/1705844016_b4d7f95e0bac83f54347.jpeg)