छत्तीसगढ

छत्तीसगढ़-जगदलपुर में बस्तर आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में पहुंचे सीएम साय, सीआरपीएफ जवानों जल्द मिलेंगे

जगदलपुर.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में शामिल होने चित्रकोट पहुंचने पर बस्तरिया अंदाज में स्वागत हुआ। उनके स्वागत में जनजातीय लोक नर्तक दलों ने आकर्षक प्रस्तुति दी। जनप्रतिनिधियों ने पारंपरिक गौर सिंग मुकुट पहनाकर उनका अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जल्द ही बस्तर के सीआरपीएफ कैंप में नक्सल विरोधी अभियान में तैनात सीआरपीएफ जवानों से भी मुलाकात करेंगे।

मुख्यमंत्री साय ने इस मौके पर बस्तर हाट की थीम पर आधारित एक्सपीरियंस जोन एवं विभिन्न विभागीय स्टालों का अवलोकन किया। प्राधिकरण के  बैठक स्थल पर संभाग के सात जिलों बस्तर, कोण्डागांव, दंतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर, सुकमा और बीजापुर की विकास योजनाओं और उपलब्धियों को स्टॉल के जरिए साझा किया गया। इन स्टालों में विकास और नवाचार की विस्तृत झलक दिखी।

‘बस्तर कॉफी’ के सफर की दिखी झलक
बस्तर जिले के स्टाल में ‘बस्तर कॉफी’  की प्रक्रिया और उसके प्रसार को रोचक ढंग से दिखाया गया है। प्रदर्शनी में कॉफी उत्पादन, ताजा चेरी उत्पादन से लेकर कॉफी की धुलाई, भुनाई, पिसाई और पाउडर पैकेजिंग तक की पूरी प्रक्रिया का प्रदर्शन किया गया है। ‘बस्तर कैफे’ की पहल से स्थानीय स्तर पर रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया गया है। बस्तर कॉफी ब्रांड को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने का प्रयास भी जारी है।

कला और नवाचार का संगम
कोण्डागांव जिले ने स्टाल के माध्यम से अपनी पारंपरिक शिल्पकला और आधुनिक विकास परियोजनाओं को सामने रखा है। झिटकू मिटकी आर्टिसन प्रोड्यूसर ने बेल मेटल कला से अयोध्या के श्रीराम मंदिर के स्थापत्य को प्रदर्शित किया। इस दौरान जिले में हो रहे पर्यटन विकास, रोजगार के अवसर बढ़ाने गारमेंट फैक्ट्री, एनीमिया मुक्त कोण्डागांव अभियान स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने, ‘मावा कोण्डानार’ मोबाइल ऐप: पारदर्शी प्रशासन और नागरिक सुविधाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने की दिशा में पहल की जानकारी दी।

शिक्षा और बाल विकास में नवाचार
दंतेवाड़ा जिले ने शिक्षा और बाल कल्याण के क्षेत्र में किए गए नवाचारों को साझा किया। बाल मित्र कार्यक्रम के माध्यम से स्कूल से बाहर और अप्रवेशी बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए पहल शुरू की गई है। बाल मित्र पुस्तकालय एवं पंचायत के जरिए बच्चों को नेतृत्व और निर्णय लेने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह कार्यक्रम शिक्षा के साथ-साथ समग्र विकास के लिए भी अहम साबित हो रहा है।

लघु वनोपज से बढ़ती आजीविका
कांकेर जिले में लघुवनोपज आधारित परियोजनाओं और उद्यानिकी विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। फ्रेश सीताफल परियोजना स्थानीय किसानों सहित स्वसहायता समूह की दीदियों के लिए आय का प्रमुख स्रोत बनी है। पोषण और रोजगार, लघु धान के मछली पालन, कड़कनाथ मुर्गी पालन में रोजगार के नए अवसर और आजीविका संवर्धन की जानकारी दी गई है।

महिला सशक्तिकरण का उदाहरण
नारायणपुर जिले में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रयास किए गए हैं। स्वसहायता समूहों की दीदियों ने हर्बल गुलाल, मशरूम उत्पादन, कड़कनाथ पालन और बटेर पालन जैसी गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई है। इन गतिविधियों से महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता मिली है।पोषण आहार और एकीकृत कृषि, कृषि में नवीन तकनीकों के समावेश का प्रदर्शन किया गया है।

यातायात और आवासीय योजनाओं की प्रगति
सुकमा जिले के स्टाल में आधारभूत संरचना और ग्रामीण विकास पर जोर दिया गया है। हक्कुम मेल अंतर्गत यातायात सुविधा को बेहतर बनाने की दिशा में हो रहे कार्य, प्रधानमंत्री आवास योजना,आवासीय परियोजनाओं से सकारात्मक बदलाव, लखपति दीदी योजना मरईगुड़ा (वन) पंचायत, महिला स्वसहायता समूहों को आर्थिक सशक्तिकरण में हो रहे सकारात्मक परिणामों को प्रदर्शित किया गया।

‘नियद नेल्ला नार’ योजना के सकारात्मक परिणाम
बीजापुर जिले में प्रदेश सरकार द्वारा माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में संचालित ‘नियद नेल्ला नार’ योजना के माध्यम से समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसमें ग्रामीणों के लिए बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए तकनीकी और स्थानीय संसाधनों का उपयोग, जिले के प्राकृतिक सौंदर्य को पर्यटन के माध्यम से दुनिया के पटल पर रखने के प्रयासों की जानकारी दी गई है। सुशील मौर्य ने कहा, ‘मुख्यमंत्री की सुरक्षा का हवाला देकर चित्रकोट में पेड़ों की कटाई की गई है। यह भी निंदनीय है, इसलिए हमने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कार्यक्रम का पुरजोर तरीके से विरोध किया है। विरोध प्रदर्शन करने अनेक कांग्रेसी काले कपड़े पहनकर पहुंचे थे। चौक पर जमा होकर सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी कर रहे कांग्रेस नेता सुशील मौर्य और अन्य नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। सभी कांग्रेसियों को बस में बिठाकर बोधघाट थाने ले जाया गया है। हिरासत में लिए गए कांग्रेसियों में हनुमान द्विवेदी, रविशंकर तिवारी, एम बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में भाग लेने आए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का विरोध कर रहे कांग्रेस के दर्जनों नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य भी भी पुलिस हिरासत में हैं।’

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