छत्तीसगढ

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कांकेर जिले के मरका पंडुम में हुए शामिल कांकेर जिले के मरका पंडुम में हुए शामिल – NNSP

रायपुर

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज कांकेर के ग्राम भिरावाही में गोंडवाना समाज द्वारा आयोजित मरका पंडुम (चैतरई महापर्व) के समापन समारोह में शामिल हुए। उन्होंने गोंडवाना समाज के आराध्य बूढ़ादेव और आंगा देव की पूजा-अर्चना कर तेंदू, चार, चिरौंजी, महुआ और आम फल अर्पित किया और प्रदेशवासियों की खुशहाली के लिए कामना की।

मुख्यमंत्री साय ने भिरावाही के गोंडवाना भवन परिसर में आयोजित मरका पंडुम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि गोंडवाना समाज का समृद्धशाली इतिहास रहा है। मरका पण्डुम पर्व में नए फलों, फसलों का अर्पण अराध्य देवी-देवताओं को किए जाने की परंपरा है। उन्होंने आगे कहा कि हमें अपनी संस्कृति और परंपरा आगे बढ़ाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री साय ने समाज को शिक्षित होने पर जोर देते हुए बच्चों को पढ़ाने के लिए सबको आगे आने तथा जागरूक होने पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ का तेजी से विकास हुआ है। पीएम जनमन योजना से विशेष पिछड़ी जनजाति का तेजी से विकास हुआ है, वहीं प्रयास आवासीय विद्यालय में प्रतिभाशाली बच्चों को आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। छत्तीसगढ़ में आईआईएम, आईआईटी, ट्रिपल आईटी जैसी उच्च संस्थाएं स्थापित हुई हैं।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश सरकार द्वारा बस्तर से नक्सलवाद जड़ से खत्म करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले एक साल में नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने का केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का संकल्प अवश्य पूर्ण होगा। उन्होंने बताया कि अब नियद नेल्लानार योजना के दायरे को विस्तारित किया जा रहा है, ताकि नक्सल प्रभावित क्षेत्र के अधिक से अधिक ग्रामीणों को शासन की योजनाओं का लाभ मिल सके।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गोंडवाना समाज के प्रतिनिधियों की मांग पर 80 लाख 48 हजार रूपए के विभिन्न विकास एवं निर्माण कार्यों की घोषणा की, जिसमें गोंडवाना समाज के भवन के जीर्णाेद्धार हेतु 45 लाख रुपए, बाउंड्री वॉल निर्माण के लिए 23 लाख 47 हजार रूपए और देवगुड़ी के सांदर्यीकरण एवं विभिन्न कार्यों के लिए 12 लाख 01 हजार रूपए की स्वीकृति शामिल है।

समापन समारोह को कांकेर विधायक आशाराम नेताम ने संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज के हितचिंतक मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश का नेतृत्व कर रहे, यह गर्व की बात है। उन्होंने आगे कहा कि आदिवासियों को अपनी समृद्ध संस्कृति, परंपरा और विरासत को विस्मृत नहीं करना चाहिए, क्योंकि यही हमारी जड़ और वास्तविक पहचान है।

इस दौरान बस्तर गोंडवाना समाज के संभागीय अध्यक्ष सुमेर सिंह नाग ने सामाजिक गतिविधियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। कार्यक्रम में कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद भोजराज नाग, अंतागढ़ विधायक विक्रम उसेंडी, भानुप्रतापपुर विधायक श्रीमती सावित्री मंडावी, नगर पालिका कांकेर के अध्यक्ष अरूण कौशिक, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती किरण नरेटी, पूर्व सांसद मोहन मंडावी, पूर्व विधायक शिशुपाल सोरी, श्रीमती सुमित्रा मारकोले, कलेक्टर नीलेश कुमार महादेव क्षीरसागर, एसएसपी इंदिरा कल्याण एलेसेला एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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