छत्तीसगढ

छत्तीसगढ़-कोरबा में नाना और नाती को सांप ने डसा, तांत्रिक को दिखने में बुजुर्ग ने तोड़ा दम

कोरबा.

कोरबा के करतला थानांतर्गत ग्राम सलिहाभांठा डोंगदरहा में टिकैतराम यादव 70 वर्ष अपनी पत्नी के साथ निवास करता था। उसके घर करीब एक माह पहले बालको के भद्रापारा में रहने वाला 16 वर्षीय नाती सतीश कुमार यादव आया हुआ था। रोज की तरह बुजुर्ग दंपत्ती ने नाती के साथ बैठकर खाना खाया। इसके बाद अपने कमरे में जाकर सो गए। रात करीब तीन बजे अचानक बुजुर्ग के पेट में दर्द होने लगा, जिससे उसकी नींद खुल गई।

थोड़ी देर बात सतीश ने भी पेट में दर्द होने की जानकारी दी। पहले तो वे पेट दर्द को मामूली समझ नजर अंदाज करते रहे, लेकिन देखते ही देखते असहाय पीड़ा होने लगी। पेट के साथ-साथ गले में भी दर्द शुरू हो गया। जिसकी जानकारी बुजुर्ग महिला ने पास में ही रहने वाले परिजनों को दी। वे खबर मिलते ही घर पहुंचे तो सतीश के मुंह से झाग निकल रहा था। उन्हें तत्काल उपचार के लिए अस्पताल ले जाने बजाय परिजन झाड़-फूंक और गांव के डॉक्टर से इलाज का प्रयास करते रहे। डॉक्टर ने मामले की गंभीरता को समझते हुए अस्पताल ले जाने की सलाह दी। तब कहीं जाकर परिजन सुबह करीब 6.30 बजे दोनों को लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने परीक्षण उपरांत बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया, जबकि किशोर की हालत गंभीर है। उसे आईसीयू में रख उपचार किया जा रहा है। मृतक के रिश्तेदार ने बताया कि देर रात तबियत खराब होने की जानकारी हुई। इस दौरान मृतक की पत्नी को आशंका हुआ की किसी जहरीले जीव ने काट लिया है। जिसके बाद वहां देखा तो सांप निकल रहा था। जिसके बाद तत्काल 108 को फोन किया गया। लेकिन उन्हें उसकी सुविधा नही मिली। निजी वाहन से वो कोरबा जिला मेडिकल कॉलेज पहुंचे। जहां बुजुर्ग की मौत हो गई वही मासूम का इलाज चल रहा है। जिसकी हालत बेहद गंभीर बने हुए हैं। मृतक के परिजन ने ये भी आरोप लगाया कि समय रहते 108 की सुविधा मिल जाती तो शायद जान बच सकती थी डॉक्टर ने बताया कि 15 मिनट भी लेट होता तो शायद मासूम की भी मौत हो सकती थी। 108 के जिला प्रभारी प्रिंस पांडेय ने बताया कि हो सकता है नेटवर्क की वजह से फोन कनेक्ट नहीं हो पाया होगा । लेकिन जब मामला सामने आया, इस दौरान परिजनों से बातचीत की गई तो पता चला कि सांप के डसने के बाद पहले झारखंड के लिए लेकर परिजन गए हुए थे। उसके बाद काफी समय बीत जाने के बाद वह निजी वाहन से अस्पताल पहुंचे।

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