छत्तीसगढ

छत्तीसगढ़-पेण्ड्रा दौरे पर पहुंचीं महिला आयोग की अध्यक्ष, अनुविभागीय अधिकारी सहित अन्य को थमाए नोटिस

गौरेला पेण्ड्रा मरवाही.

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष आज अपने एक दिवसीय दौरे में गौरेला पेण्ड्रा मरवाही के पेण्ड्रा पहुंची जहां पर महिला उत्पीड़न सबंधी मामलों में सुनवाई की मानसिक रूप से कमजोर महिला की जमीन खरीदी बिक्री के एक मामले में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सहित जमीन की रजिस्ट्री करने वाले रजिस्टर को नोटिस जारी कर अगली पेशी में रायपुर बुलाया है।

किरण नायक आज जिले की महिलाओं द्वारा महिला आयोग में हुई शिकायतों पर सुनवाई करते हुए जमीन की खरीदी बिक्री के एक मामले में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सहित जमीन की रजिस्ट्री करने वाले रजिस्टर को नोटिस जारी कर अगली पेशी में रायपुर बुलाया है वही जिला उपकोषालयअधिकारी की शिकायत पर उन्हें भी दस्तावेजों के साथ रायपुर महिला आयोग में उपस्थित होने का आदेश किया है प्रकरण में पीड़ित पक्ष ने बताया कि उसकी मां सावित्री बाई चतुर्वेदी मानसिक रोगी थी सेन्दरी के मेंटल हास्पिटल में भर्ती थी। मेरी नानी की संम्पति मां सावित्री बाई को मिला था 3 एकड़ 97 डिसमीन मेन रोड में था। शुरू से मां सावित्री बाई पीड़ित के साथ रहती थी। तभी दोषी व्यक्ति जो कि उसके चाचा का लडका है और वह धोखे से पीड़ित की मां को अपने साथ ले गया और उन्हे गायब कर दिया। फिर 08.01.2024 को पूरी जमीन को अपने नाम पर करा लिया है। तथा आज दिनांक तक छिपा कर रखा है। आवेदिका से नहीं मिलने दे रहा है। आवेदिका अपने माता-पिता के एकलौती संतान थी वह एक मात्र वारिस है। ऐसी दशा में अनावेदक का कथन है कि सम्पत्ति सुरक्षा के लिए रखा है यह वकतव्य हास्यास्पद है। उसका यह तो कथन है जमीन का 21 लाख रू० के आवेदिका के नाम बैंक में जमा किया है। परन्तु वह आज कोई दस्तावेज नहीं लाया है वह अनुविभागीय अधिकारी गौरेला को आदेश लेकर आया है। जिसमें आवेदिकागण ने विस्तरीत बयान के बावजूद निरस्त कर दिया गया है।

यह आर्डर 01.07.2024 को पारित किया गया है। आवेदिका ने बताया कि उक्त जमीन की कीमत लगभग 03 करोड़ की जमीन है ऐसी दशा में आवेदिका की शिकायत गंभीर है और आवेदिका की मां की तस्वीर और शिकायत को देखने पर यह स्पष्ट है कि आवेदिका कि मां मानसिक रोगी महिला है उसकी सम्पत्ति की कार्यवाही करने वाली रजिस्टार गौरेला (रजिस्टर पंजीयन कार्यालय) को इस प्रकरण में बुलाना आवश्यक है। अतः इस प्रकरण के निराकरण के लिए जिला पंजीयन कार्यालय को इस प्रकरण में सुनवाई के लिए पक्षकार बनाया जाता है। वह आगामी सुनवाई विक्रेता सावित्री बाई, प्रशांत चतुर्वेदी (क्रेता) 08.01.2024 के समस्त दस्तावेज और सावित्री बाई को लेकर आयोग कार्यालय में उपस्थित है। दिनांक 09.08.2024 को प्रकरण आयोग के समझ उपस्थित रहे गौरेला पेण्ड्रा अनुविभागीय अधिकारी को 01.07.2024 पुष्पा देवी विरूद्ध प्रशांत चतुर्वेदी के समस्त दस्तावेज आयोग के समझ प्रस्तुत करने के लिए अनुविभागीय अधिकारी के पक्षकार बनाया। वह भी अपने समस्त फाईल और सावित्री बाई को लकर महिला आयोग रायपुर में 09.08.2024 को रायपुर पहुंचे।

इस प्रकरण में जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी अतुल परिहार को अधिकृत किया जाता है कि आज की ऑर्डरशीट की प्रतिलिपि पंजीयक व अनुविभागीय अधिकारी गौरेला को प्रकरण से अवगत तथा दोनो जिम्मेदार अधिकारी को समस्त दस्तावेज के साथ महिला आयोग रायपुर में 09.08.2024 को आवश्यक रूप से उपस्थित रखे उन्हे सावित्री बाई की मानसिक रोगी होने की तस्वीर मोबाईल में दिखाने को कहा है प्रकरण आगामी सुनवाई 09.08.2024 को सुनवाई रायपुर में करने को कहा गया है।।वही इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए स्वाति मालीवाल के मामले में हाई कोर्ट की टिप्पणी पर जवाब देते हुए कहा कि वैसे तो हमें हाई कोर्ट के मामले पर टिप्पणी करना उचित नहीं होता है पर फिर भी जो मामले मुझे पता है उस पूरे मामले में एक बात जो मुझे खटकती है क्योंकि वो भी महिला आयोग के अध्यक्ष है,  चार दिन बाद FIR क्यों हुई ?  मेरे हिसाब से वही चीज ऑब्जेक्शनेबल है , यदि मेरे साथ आज  दुर्व्यवहार किया है तो मैं चार दिन बाद शिकायत क्यों करूंगी ? यदि मैं महिला आयोग के अध्यक्ष होकर अपने लिए कार्यवाही नहीं कर सकती तो दूसरी महिलाओं के लिए कार्यवाही कैसे करूंगीमुझे यह पूरा मामला कहीं न कहीं राजनीतिक प्रेरित लग रहा है।

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