Big Decision : छत्तीसगढ़ सरकार का महिला सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला…मुख्यमंत्री ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह में की थी घोषणा…
![Big Decision: Chhattisgarh government's big decision regarding women's safety...Chief Minister had announced this in the Independence Day celebrations on 15th August...](https://breakingaajtaknews.com/wp-content/uploads/2023/09/1694427063_c81b40ed9ac0d79ed813-e1694447481210.jpeg)
रायपुर, 11 सितम्बर। Big Decision : छत्तीसगढ़ सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला किया है। बालिकाओं और महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि के आरोपियों को अब सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। इस संबंध में राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आज आदेश जारी कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि बीते 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बालिकाओं और महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि के आरोपियों को शासकीय नौकरी से प्रतिबंधित करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और अस्मिता बनाए रखना हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है।
![](https://breakingaajtaknews.com/wp-content/uploads/2023/09/image-9-723x1024.png)
सामान्य प्रशासन द्वारा सभी विभागों, राजस्व मण्डल के अध्यक्षों, विभागाध्यक्षों, संभागायुक्तों, कलेक्टरों को जारी निर्देश में कहा गया है कि शासकीय सेवा में नियुक्ति हेतु ऐसे अभ्यर्थी, जिनके विरूद्ध बालिकाओं एवं महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि से संबंधित नैतिक अधोपतन की श्रेणी में आने वाले अपराध जो कि भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 354, 376, 376क, 376ख, 376ग, 376घ, 509, 493, 496 एवं 498 तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट), 2012 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज हों, उन्हें शासकीय सेवाओं एवं पदों पर नियुक्ति हेतु प्रकरण के अंतिम निर्णय होने तक प्रतिबंधित किया जाये। राज्य सरकार द्वारा निर्देश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने कहा गया है।
जारी निर्देश में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम, 1961 के नियम 6 के उप-नियम (4) में निम्नानुसार प्रावधान है कि कोई भी उम्मीदवार जिसे महिलाओं के विरूद्ध किसी अपराध का दोष सिद्ध ठहराया गया हो, किसी सेवा या पद पर नियुक्ति के लिये पात्र नहीं होगा। परन्तु जहां तक किसी उम्मीदवार के विरूद्ध न्यायालय में ऐसे मामले लंबित हों तो उसकी नियुक्ति का मामला आपराधिक मामले का अंतिम विनिश्चय होने तक लंबित रखा जायेगा।
गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा महिलाओं से संबंधित अपराधों की रोकथाम के लिए प्रशासनिक, व्यावहारिक और विधिक कई स्तरों पर तत्परता से काम किया है। प्रदेश के 547 थानों, चौकियों में महिला सेल की स्थापना की गई है, ताकि पीड़ित महिलाएं निःसंकोच अपनी रिपोर्ट दर्ज करा सकें। जिला स्तर पर प्रत्येक जिले में महिला प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है। प्रत्येक जिला मुख्यालय में घरेलू हिंसा एवं महिला उत्पीड़न की घटनाओं की रोकथाम हेतु महिला परामर्श केन्द्र की स्थापना की गई है। राज्य के 04 बड़े जिले बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग तथा सरगुजा में महिला थाना स्थापित किया गया है। राज्य के 6 जिले रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, रायगढ तथा जांजगीर-चांपा में महिला विरुद्ध अपराध अनुसंधान ईकाई की स्थापना की गई है।
राज्य सरकार के पुलिस विभाग द्वारा महिला सुरक्षा हेतु अभिव्यक्ति ऐप भी लॉन्च किया गया है, जिसके एक लाख 85 हजार से अधिक पंजीकृत यूजर्स हैं। महिला सुरक्षा और अपराधों को नियंत्रण करने के उद्देश्य से सार्वजनिक स्थानांे को चिन्हाकिंत कर संवेदनशील स्थानों में सीसीटीव्ही कैमरा लगाये गए हैं। कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले यौन शोषण को रोके जाने के संबंध में प्रत्येक ईकाई में आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया गया है। बालिकाओं और युवतियों को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूल-कॉलेज एवं संवेदनशील स्थानों पर महिला पुलिस पेट्रोलिंग टीम द्वारा लगातार गश्त किया रहा है। इसके साथ ही विशेषज्ञ अथवा प्रशिक्षित महिला पुलिस अधिकारियों के माध्यम से महिलाओं के विरूद्ध अपराधों की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान भी संचालित किया जा रहा है।