छत्तीसगढ

दिवाली के अगले दिन पूर्व सीएम बघेल ने निभाई सोटा प्रहार की परंपरा, जानिए इसके पीछे की वजह

दुर्ग: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हर साल की तरह दिवाली के दूसरे दिन सोटा खाने की परंपरा निभाने कुम्हारी के जंजगिरी गांव पहुंचे और खुशहाली की कामना के लिए हाथ पर सोटा (चाबुक) भी खाया।

यह परंपरा जंजगिरी में आयोजित आदिवासी ध्रुव गोंड समाज द्वारा कई वर्षों से मनाई जाती रही है। दिवाली के दूसरे दिन समाज के लोगों द्वारा गौरी गौरा पूजा की जाती है। जिसमें जंजगिरी गांव के मुखिया को सोटा खाने के लिए आमंत्रित किया जाता है। मान्यता है कि जो मुखिया या प्रधान सोटा खाता है वह गांव और अपने क्षेत्र की खुशहाली के लिए भगवान शिव और माता पार्वती से प्रार्थना करता है।

गांव के बुजुर्ग भरोसा ठाकुर पूर्व मुख्यमंत्री को इसी कोड़े से मारा करते थे। लेकिन उनके निधन के बाद इस परंपरा को उनके बेटे बीरेंद्र ठाकुर ने आगे बढ़ाया है। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुंदर परंपरा सभी की खुशहाली के लिए मनाई जाती है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button