छत्तीसगढ

ध्वनि प्रदूषण को लेकर हस्तक्षेप याचिका, अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को

रायपुर

ध्वनि प्रदूषण को लेकर लगातार शिकायतों के बाद भी कोई गंभीर कार्रवाई नहीं हो रही है। मजबूरन कोर्ट के शरण में जाना पड़ रहा है,अब केवल न्यायपालिका पर ही भरोसा रह गया है। इसलिए सामाजिक कार्यकर्ता राकेश चौबे ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर में ध्वनि प्रदूषण मामले पर एक हस्तक्षेप याचिका चीफ जस्टिस रमेश सिंन्हा के बेंच में दायर किया है, जिसें माननीय बेंच ने हस्तक्षेप एप्लीकेशन के रूप में स्वीकार कर लिया है।

श्री चौबे ने बता कि उन्होंने वर्तमान में डीजे और ध्वनि प्रदूषण को लेकर मुख्य सचिव,छत्तीसगढ़ शासन,छत्तीसगढ़ पर्यावरण विभाग के सचिव,छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल सदस्य सचिव एवं कलेक्टर रायपुर को लिखित शिकायत करते हुए अवगत कराया था कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना हो रही है।

इस विषय को लेकर एक याचिका माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में दायर की जिसे कोर्ट ने स्वीकार लिया है और इस पर अगली सुनवाई 28 .10 .2024 को होगी। पूर्व में एक पिटीशन नागरिक संघर्ष समिति के डॉक्टर राकेश गुप्ता ने भी फाइल की थी इस याचिका पर उन्होने हस्तक्षेप याचिका अपने एडवोकेट हिमांशु रस्तोगी के मार्फत से लगायी है और यह भी मांग की है कि दिल्ली की तर्ज पर छत्तीसगढ़ राज्य में भी शिकायत के लिए एक आनलाइन पोर्टल बनायी जाए। क्योंकि और भी राज्यों में इस तरह की व्यवस्थाएं हैं ,जिसे पिटीशन के मार्फत माननीय न्यायालय के सम्मुख रखा है। छत्तीसगढ़ में ध्वनि प्रदूषण को लेकर लगातार शिकायतें  राज्य सरकार के पास भी पहुंच रही है,मगर कोई ठोस व गंभीर कार्रवाई नहीं होने से ऐसे तत्वों के हौसले बढ़े हुए हैं। आखिरकार न्यायालय जाना पड़ा और उन्हे पूर्ण विश्वास है कि न्यायालय के हस्तक्षेप से ही ठोस कार्रवाई होगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button