छत्तीसगढ

NGO चला रही महिला संचालिका शोभा ठाकुर की पुलिस रिमांड खत्म, कोर्ट में आज आख़िरी पेशी, अंडरग्राउंड सहयोगियों की तलाश में जुटी पुलिस

रायपुर। समाज सेवा के नाम पर 300 से अधिक गरीब महिलाओं के बैंक खाते खुलवाकर करोड़ो की ठगी करने वाली आरोपित शोभा ठाकुर के सहयोगी फिलहाल अंडरग्राउंड हो गए हैं। उन सभी के आसपास के जिले में छिपे होने की संभावना है। पुलिस उनकी तलाश में जुट गई है। सोमवार को आरोपित शोभा की पुलिस रिमांड खत्म हो रही है। उससे विस्तृत पूछताछ के लिए कोर्ट में पेशकर दोबारा रिमांड पर लेने की तैयारी है। पुलिस का दावा है कि, न्यू राजेंद्रनगर की एक महिला समेत दो सहयोगियों के नाम भी इसमें शामिल हैं, जो की सामने आए है। पुलिस उनके घर पहुंची तो वे नहीं मिले। इसमें शोभा के साथ आठ से 10 लोगों के शामिल होने के पुख्ता प्रमाण पुलिस को मिले हैं।

तीन महीने में साढ़े तीन करोड़ रुपये से अधिक की ठगी
वहीं बिचौलिए का काम करते हुए शोभा ने पिछले तीन महीने में साढ़े तीन करोड़ रुपये से अधिक कमाए हैं। हालांकि उसके बैंक खाते में केवल 90 हजार रुपये ही मिले हैं। पुलिस को शंका है कि, उसने पूरे पैसे संपत्ति में निवेश किए होंगे। शोभा को राजनीतिक और अपराधिक संरक्षण भी मिला हुआ था, इसलिए वह अब तक बचती रहीं हैं।

आठ माह पहले भाठागांव की पीड़ित महिलाओं से किया था संपर्क
बीएसयूपी कालोनी भाठागांव की कोमल शेंद्रे, योगिता शेंद्रे, राजुला बाग, रेशमा सोनी, दामिनी वर्मा, रीतू शेंद्रे, नंदिनी देवांगन, पूर्णिमा मांझी, सारिका सोनी, प्रीतम ध्रुव समेत 12 से अधिक पीड़ित महिलाओं का बयान पुलिस दर्ज कर चुकी है। महिलाओं ने बताया है कि जनवरी 2024 में खुद को नारी शक्ति संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष बताकर शोभा ठाकुर ने बीएसयूपी कालोनी में आना-जाना शुरू किया था। फिर महिलाओं की बैठक लेकर घर बैठे सिलाई, आचार, पैकिंग करने समेत अन्य रोजगार दिलाने की योजना बताई। संस्था का सदस्य बनने के लिए 50 से 100 रुपये लेकर रसीद भी दिया।

एक महीने तक महिलाओं को कोई रोजगार नहीं मिला तब कोमल शेंद्रे को संदेह हुआ। सात अगस्त को कोमल ने बैंक से जानकारी ली तब पता चला कि उसके बैंक खाते से बड़ी रकम का लेनदेन होने के साथ ही अन्य सभी महिलाओं के नाम पर खोले गए खाते से 15 करोड़ से अधिक राशि का ट्रांजेक्शन हुआ हैं।

बैंक अधिकारी समेत कर्मचारी भी आये जांच के दायरे में
आरोप है कि, शोभा ने महादेव समेत अन्य बेटिंग एप के सटोरियों को बैंक खाता उपलब्ध कराया। इसमें अलग- अलग बैंकों के अधिकारी-कर्मचारी भी जांच के दायरे में आ गए हैं। पुलिस रिमांड में आरोपित शोभा ने बताया कि, गरीब व जरूरतमंद बेरोजगार महिलाओं के साथ वह अक्सर अलग-अलग आयोजनों में शामिल होती थी। उनके साथ बड़ी संख्या में महिलाओं को देखकर सटोरियों ने इसका फायदा उठाया। उन्हीं के कहने पर शोभा ने बैंको में महिलाओं के खाते खुलवाए और सटोरियों के हवाले कर दिए। इसके एवज में मोटी रकम हर महीने लेती रही। सटोरियों ने खाताधारकों को भी कमीशन देने कहा था, लेकिन शोभा ने किसी को एक रुपये तक नहीं दिए।

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