छत्तीसगढ

तोते और संरक्षित पक्षियों को कैद में रखने एवं खरीद-बिक्री पर होगी कार्रवाई

महासमुंद.
तोते और अन्य संरक्षित पक्षियों को कैद में रखने, उनकी खरीदी-बिक्री या घर में पालन करने के खिलाफ सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 में संशोधन करते हुए मई 2022 में पक्षियों की कैद, खरीद-फरोख्त और पालन पर सख्त कदम उठाए हैं। इस अधिनियम के तहत किसी भी पक्षी, विशेष रूप से तोते और अन्य अनुसूचित पक्षियों को कैद में रखना एक दंडनीय अपराध माना गया है। अपराधियों के लिए तीन वर्ष तक की कारावास और जुमार्ने का प्रावधान है।

सभी नागरिकों को सूचित किया गया है कि जिनके पास कोई भी संरक्षित पक्षी या वन्यजीव है, वे उन्हें तुरंत संबंधित अधिकारियों को सौंपें। इस कार्य के लिए अब्दुल वहीद खान उप वनमण्डलाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं, जिनका मोबाइल नंबर +91-98266-30266 है। इसके अलावा, पक्षियों को निकटतम सरकारी चिडियाघर में भी सौंपा जा सकता है। स्वस्थ पक्षियों को, जिन्हें उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ा जा सकता है, तुरंत छोडे की सलाह दी गई है। पक्षियों और वन्यजीवों की खरीद-फरोख्त या घरेलू पालन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी को इस संबंध में जानकारी है, तो वह टोल फ्री नंबर 1800-233-7000 पर सूचित कर सकते हैं।

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