छत्तीसगढ

 कांग्रेसी एक होकर नहीं लड़े इसलिए हार गए विधानसभा चुनाव-डॉ.महंत 

बिलासपुर । विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कांग्रेसी एक नहीं थे। सबने अपने-अपने लिए काम किया। इसी के चलते कांग्रेस को विधानसभा और लोकसभा में हार का सामना करना पड़ा। हम एक साथ होकर चुनाव लड़ते तो जीत हमारी होती। यह बाते कांग्रेस के सीनियर लीडर और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास महंत ने कही। शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत बिलासपुर में कांग्रेस पार्टी के कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी कलह को उजागर किया। उन्होने यह भी कहा कि अब धीरे-धीरे सब ठीक हो रही है। इस बार हम एकजुटता के साथ चुनाव मैदान में होंगे और कांग्रेस की सरकार बनेगी। हार के बाद चुनाव में हार की हर दल के नेता समीक्षा करते हैं। पार्टी के बड़े नेताओं की समीक्षा के बाद संगठन में बदलाव की जरूरत बताई गई है। जाहिर है कि अब यहां संगठन में बदलाव होगा। उन्होंने संकेत देते हुए कहा कि पार्टी के अंदरूनी मतभेदों को दूर करने के लिए संगठन में बदलाव किया जाएगा। 
नेता प्रतिपक्ष डॉ महंत ने कहा कि मैं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में नहीं हूं। उन्होंने कहा कि मैंने यह ऑफर पहले ही ठुकरा दिया है। छोटे-मोटे कर छह चुनाव मैने निपटाया है और अब मुझे प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनना है। 
डॉ महंत ने कहा कि भाजपा सरकार के इशारे पर जांच एजेंसी कांग्रेस नेता और उनके परिवार के बच्चों के घर में छापे मरवाए जा रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के घर में सीबीआई की दबिश का भी जिक्र किया और कहा कि मुझे खुशी हो रही है कि राजेंद्र के घर से कुछ नहीं मिला। कांग्रेसियों के बच्चे अच्छे अंक लाकर पास हुए है। जो गलती किया हो उसपर कार्रवाई होगी।

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