छत्तीसगढ

हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय, सहायक रजिस्टार को पंजीकृत सोसायटी का चुनाव रद्द करने का अधिकार नहीं

बिलासपुर । संभागीय अग्रवाल महासभा के चुनाव को रद्द करने का अधिकार सहायक रजिस्टार को नहीं है। हाई कोर्ट ने चुनाव रदद् कर 60 दिवस के अंदर चुनाव कराने जारी आदेश को खारिज किया है। संभागीय अग्रवाल महासभा पंजीकृत , सोसायटी की एक आम बैठक 26 अप्रैल 2022 को आयोजित की गई। जिसके तहत सोसायटी के शासी निकाय का चुनाव या होना निर्धारित था। निर्धारित तिथि पर, उपनियमों में निर्धारित प्रक्रिया का पालन करने के बाद, सोसायटी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव आयोजित किया गया और बाबूलाल अग्रवाल को सोसायटी के अध्यक्ष पद पर चुना गया। इसके बाद, गवर्निंग बॉडी के सदस्यों का चयन किया गया, जिसमें राजेन्द्र अग्रवाल को महासचिव के रूप में चुना गया। इसके बाद नवंबर 2022 को 3 कन्हैया लाल अग्रवाल और सोसाइटी के 15 अन्य सदस्यों द्वारा असिस्टेंट रजिस्ट्रार पंजीयन सहकारी समिति के समक्ष 26.4.2022 को आयोजित चुनाव प्रक्रिया को चुनौती देते हुए एक शिकायत दर्ज की। रजिस्ट्रार ने उपरोक्त शिकायत पर सोसायटी के सचिव से प्रतिक्रिया मांगी, उत्तर नहीं मिलने पर पूर्व सचिव राजेश अग्रवाल ने लगाये गए आरोपों को सही बताया इस पर सोसायटी के चुनाव और प्रक्रिया को रद्द करते हुए रजिस्ट्रार ने 60 दिनों की अवधि के भीतर नई चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया। इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई । जस्टिस एन के चन्द्रवंशी ने सुनवाई के बाद माना कि सहायक रजिस्ट्रार को अधिनियम, 1973 की धारा 32 के तहत शक्ति का प्रयोग करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है, इसलिए, उपरोक्त आदेश स्वयं अवैध है। इसके अलावा, शिकायत/आवेदन, जिसके आधार पर उक्त आदेश जारी किया गया था, सोसायटी के आवश्यक सदस्यों द्वारा नहीं किया गया था और न ही इसमें कोई शपथ पत्र शामिल था। इसे संभागीय अग्रवाल महासभा, बिलासपुर के नवनिर्वाचित पदाधिकारी/याचिकाकर्ताओं को सुनवाई का अवसर दिए बिना जारी किया गया था। इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश रद्द करते हुए यह याचिका मंजूर कर ली ।

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