Sparsh Leprosy Awareness Campaign : 13 फरवरी तक जागरूकता रथ द्वारा गांव गांव में भ्रमण कर ग्रामीणों को किया जाएगा जागरूक
![Sparsh Leprosy Awareness Campaign: Villagers will be made aware by touring from village to village through awareness chariot till 13th February.](https://breakingaajtaknews.com/wp-content/uploads/2024/01/14_08_2021-kushath.jpg)
गरियाबंद, 31 जनवरी। Sparsh Leprosy Awareness Campaign : कलेक्टर दीपक अग्रवाल के निर्देशन एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के मार्गदर्शन में जिले में 13 फरवरी तक स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। ’कलंक को समाप्त करना गरिमा को अपनाना’ के संदेश के साथ लोगों को कुष्ठ के बारे में जागरूक किया जाएगा। इसकी शुरुआत महात्मा गांधी के पुण्य तिथि के अवसर पर 30 जनवरी को कुष्ठ जागरूकता प्रचार रथ को रवाना करके हुई। इस दौरान सीएमएचओ कार्यालय के अधिकारी कर्मचारियों ने जागरूकता रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया। प्रचार रथ के माध्यम से गांव गांव जाकर लोगों को कुष्ठ रोग के बारे में जागरूक किया जाएगा। स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के तहत गाँव-गाँव घर-घर दस्तक देकर स्वास्थ्य कर्मी एवं मितानिन के द्वारा कुष्ठ रोग की जांच की जाएगी। जिससे शीघ्र कुष्ठ रोगी की पहचान कर उनका उपचार प्रारंभ किया जा सके।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि देश को कुष्ठ मुक्त करने के लिये हर संभव प्रयास किया जा रहा है। स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के तहत सामूहिक रूप से कुष्ठ प्रभावित व्यक्तियों के खिलाफ कलंक और भेदभाव को समाप्त करने और उन्हे मुख्यधारा में लाने का प्रयास करेंगे। अभियान अन्तर्गत पंचायती राज संस्थाओ, ग्रामीण विकास, शहरी विकास, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता आदि के समन्वय से राष्ट्र व्यापी ग्राम सभा की बैठक आयोजित कर जागरूकता संदेश दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि कुष्ठ माइको बैक्टीरियम लेप्री से होने वाला रोग है। यह अनुवांशिक रोग नहीं है। यह पहले से पापों एवं बुराइयों के कारण नहीं होता है। कुष्ठ के मुख्य लक्षण त्वचा के रंग में बदलाव तथा संवेदना में कमी आना है। यदि किसी को शरीर में इन लक्षणों के संकेत मिलते है, तो वह मितानिन, नर्स एवं बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता से संपर्क कर इसके लिये समुचित दिशा निर्देश प्राप्त कर सकते है। सभी सरकारी अस्पतालों में कुष्ठ का उपचार मुफ्त किया जाता है। कुष्ठ का पूरी तरह ईलाज संभव है। शीघ्र परामर्श तथा सही समय में ईलाज से कुष्ठ बीमारी को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है, और विकलांगता से बचाया जा सकता है।