Special Event : बलरामपुर और दंतेवाड़ा जिले में चावल व गेहूं की उत्पादकता बढ़ाने चलेगा विशेष कार्यक्रम
![Special Event: Special program will be run to increase the productivity of rice and wheat in Balrampur and Dantewada districts.](https://breakingaajtaknews.com/wp-content/uploads/2023/09/1695988997_007b3b9a143bf3c66f5c-e1696001035391.jpeg)
रायपुर, 29 सितंबर। Special Event : छत्तीसगढ़ के बलरामपुर और दंतेवाड़ा जिले में गेहूं और चावल के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस कार्यक्रम के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 31.404 करोड़ रूपए की सहायता दी जाएगी। शत-प्रतिशत सहायता से चलने वाले इस कार्यक्रम में चावल और गेहूं के उत्पादन के साथ-साथ डिजिटल एग्रीकल्चर को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। यह कार्यक्रम 5 वर्षों तक संचालित किया जाएगा।
नवा रायपुर स्थित मंत्रालय महानदी भवन में आज राज्य शासन के कृषि विभाग तथा संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन के मध्य एमओयू हुआ। कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में राज्य शासन की ओर से संचालक कृषि चंदन संजय त्रिपाठी तथा संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिनिधि ताकायूकी हाजीवारा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। कार्यक्रम में खाद्य एवं कृषि संगठन के प्रोजेक्ट डॉयरेक्टर प्रशांत कुमार स्वाईं, संयुक्त सचिव कृषि के.सी. पैकरा, अपर संचालक कृषि सी.बी. लोढेकर, आर. एल. धुरंधर, संयुक्त संचालक कृषि कपिलदेव दीपक, अमित सिंह के साथ ही अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने प्रदेश से नॉन बासमती धान के निर्यात, कॉफी एवं चाय उत्पादन की अपार संभावनाओं, प्रदेश के कृषकों को कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन एवं मछलीपालन हेतु शून्य प्रतिशत ब्याज पर फसल ऋण उपलब्ध कराने तथा सामान्य धान के स्थान पर सुगंधित धान एवं अन्य फसल लेनेे वाले किसानों को अतिरिक्त आदान सहायता राशि उपलब्ध कराने की जानकारी संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिनिधि को दी।
कृषि उत्पादन आयुक्त सिंह ने प्रदेश में मिलेट फसलों जैसे कोदो-कुटकी, रागी के उत्पादन एवं रकबे में बढ़ोत्तरी के लिए संचालित मिलेट मिशन और गोधन न्याय योजना के माध्यम से तैयार वर्मी कम्पोस्ट किसानों को वितरित कर जैविक खेती को बढ़ावा देने के राज्य शासन के अभिनव प्रयासों से अवगत कराया। साथ ही राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ करने महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क (रीपा) के माध्यम से लघु उद्योगों को बढ़ावा देने की जानकारी देते हुए खाद्य एवं कृषि संगठन की परियोजनाओं राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की पूर्ति हेतु उत्प्रेरक के रूप बताया।