Mahora and Rajauli Gauthan : गौठानों में आजीविकामूलक गतिविधियों से जुड़ कर महिलाएं बढ़ रहीं हैं स्वावलम्बन की ओर
![Mahora and Rajauli Gauthan: Women are moving towards self-reliance by joining livelihood related activities in Gauthans](https://breakingaajtaknews.com/wp-content/uploads/2023/06/1685948469_856b71025d1121a3bf45-e1685951765976.jpeg)
रायपुर, 05 जून। Mahora and Rajauli Gauthan : शासन की महत्वकांक्षी नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी योजना के तहत गौठानों में आजीविका गतिविधियों से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं स्वावलंबन की दिशा में अग्रसर हुई हैं। आज ये महिलाएं घरेलू कामकाज के साथ उत्साह और लगन के साथ आजीविकामूलक कार्यों को भी कर रहीं हैं। कोरिया जिले के गौठानों में विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें मुर्गीपालन का कार्य कर लाभ कमा महिलाएं अपनी सफलता की कहानी गढ़ रही हैं।
जिला प्रशासन के सहयोग से जिले के गौठानों में समूह द्वारा मुर्गीपालन किया जा रहा है। विकासखण्ड बैकुण्ठपुर के ग्राम गौठान महोरा में स्वयं सहायता समूह की दीदियां मुर्गी पालन कर अण्डा विक्रय से अच्छा लाभ कमा रहीं हैं। समूह की सदस्य इन्द्रमणी दीदी बताती हैं कि एक वर्ष पूर्व आजीविका के रूप में उन्होंने यह कार्य प्रारंभ किया। अभी तक इनके द्वारा कुल 2 लाख रुपए से अधिक का अण्डा विक्रय किया जा चुका हैं जिससे शुद्ध 40 हजार रूपये का लाभ अर्जन हो चुका है और वर्तमान में उनके द्वारा अण्डा उत्पादन का कार्य सतत् रूप से किया जा रहा है।
इन्द्रमणी दीदी प्रेरणा स्त्रोत के रूप में अपने समूह की दीदियों को आजीविका गतिविधि करने हेतु प्रेरित कर रही है और अब खुद सक्षम होने के साथ-साथ अपने परिवार की आय में योगदान दे रही है। इसी प्रकार विकासखण्ड सोनहत के ग्राम गौठान रजौली की ज्वाला महिला स्व सहायता समूह की संगीता दीदी ने गत जनवरी माह से 10 हजार की लागत से गौठान में कड़कनाथ मुर्गी पालन का कार्य शुरू किया था और आज उन्होंने ने 20 हजार से अधिक का विक्रय कर लिया है। उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से सक्षम होना वास्तव में सुखद अनुभूति है, प्राप्त आमदनी को उन्होंने बच्चों की पढ़ाई में निवेश किया और घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में उपयोग किया है।
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