छत्तीसगढ

छत्तीसगढ़-कबीरधाम में आगजनी और हत्याकांड में 60 गिरफ्तार, डिप्टी सीएम ने सख्त कार्रवाई का दिया भरोसा

कबीरधाम.

कबीरधाम जिले के नक्सल प्रभावित थाना क्षेत्र जंगल रेंगाखार के ग्राम लोहारीडीह में हुए बवाल के बाद अब गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू हो गया है। लोहारीडीह गांव में आगजनी व हत्याकांड के बाद पुलिस ने 5 अलग अलग एफआईआर दर्ज किया है। इसमें 150 से अधिक लोगों के नाम दर्ज है। अब तक 60 की गिरफ्तारी हो गई है, जिसे आज सोमवार को जेल भेजा गया है।

इस कार्रवाई के बाद गांव में कई लोग अपने घर में ताला लगाकर चले गए है। दूसरी ओर मामले के लेकर स्थानीय कवर्धा विधायक व डिप्टी सीएम गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि कानून को हाथ में लेने वाले के खिलाफ कार्रवाई होगी। मामले में निष्पक्ष जांच किया जा रहा है। इधर, घटना के बाद अब राजनीति भी शुरू हो गई है। कल मंगलवार को दोपहर 3 बजे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गांव का दौरा करने वाले है।इनके साथ कांग्रेस के नेता भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने मामले को लेकर ट्वीट कर लिखा कि छत्तीसगढ़ में कानून का राज खत्म? गृहमंत्री के गृह क्षेत्र में एक युवक का शव फांसी पर लटका मिला, गांव वालों ने गांव के ही एक युवक के घर को आग लगा दी।एसपी को गांव में घुसने नहीं दिया गया।विज्ञापनों में बहार है, जंगलराज बरकरार है।

ये था पूरा मामला
रविवार को इस गांव से 5 किमी दूर एमपी-सीजी बॉर्डर पर गांव के युवक कचरू साहू का शव फांसी पर लटके मिला। इसकी हत्या की शक को लेकर ग्रामीणों ने गांव के ही रघुनाथ साहू के घर हमला कर दिया। घर को आग के हवाले कर दिया है। कबीरधाम एसपी डॉ.अभिषेक पल्लव अपनी टीम के साथ गांव में पहुंचे थे। इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। इस हमले में एसपी समेत 10 पुलिसकर्मी घायल हुए। देर शाम पुलिस की टीम गांव के भीतर आग लगे हुए घर पर पहुंची, जहां पर रघुनाथ साहू का शव जला हुआ मिला। इस गांव में भूमि विवाद चल रहा था। रघुनाथ साहू के परिवार व ग्रामीणों के बीच काफी दिनों से विवाद चला आ रहा था। अब यह विवाद रौद्र रूप ले लिया। जिस युवक की शव जंगल में मिली है, वह एमपी के बालाघाट जिले में आता है। ऐसे में बालाघाट पुलिस मामले की जांच करेगी। गांव में आगजनी व हत्या की जांच कबीरधाम पुलिस करेगी। आज सोमवार को गांव में करीब 400 से अधिक जवान को तैनात किया गया। अभी भी गांव में एएसपी, डीएसपी समेत अन्य पुलिस के अधिकारी डटे हुए हैं।

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