महिला नगर सैनिक की हत्या के मामले में आया नया मोड़मृतक के भाई ने हत्या के लिए उकसाने का लगाया आरोपपूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग


रायपुर/गरियाबंद। जिले में महिला नगर सैनिक ओमिका ध्रुव की 12 अप्रैल को हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद मृतका के भाई गावेंद्र ध्रुव ने वीडियो बयान दावा किया है कि उनकी बहन को गरियाबंद कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की अनियमितताओं का भंडाफोड़ करने की सजा मिली। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की अधीक्षिका पर लंबे समय से लग रहे अनियमितताओं, अनाधिकृत लोगों को प्रवेश सहित,शारीरिक मानसिक प्रताड़ित करने की शिकायत के बाद कलेक्टर निरीक्षण में संस्पेंड कर दिया गया। बावजूद अधीक्षिका ने उच्च न्यायालय के हवाले से स्थगन आदेश ले आई और महिला नगर सैनिक पर लगातार पद में बने रह चारित्रिक लांछन से पति को हत्या के लिए मजबूर कर दिया गया। जिला प्रशासन के मामले की गंभीरता की समझ अधीक्षिका के विरुद्ध निलंबन के साथ अन्य कार्यवाहियों पर यदि उच्च न्यायालय का स्थगन नहीं मिलता तो शायद एक दो बच्चों की मां को चारित्रिक लांछन और आत्मग्लानि से जान गंवा बैठने की सजा नहीं मिलती। बहरहाल मौत के बाद मृतिका के भाई ने एक वीडियो के माध्यम से अधीक्षिका के करतूतों को उजागर करते हुए इस हत्या में शामिल होने का गंभीर आरोप लगाया है। अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले में महिला अधीक्षिका को सह आरोपी बनाती है या नहीं।
मृत महिला के भाई ने आरोप लगाया कि इस शिकायत से नाराज लोगों ने आरोपी पति सोहन साहू को अधीक्षका के उकसाने पर झूठी कहानियां सुना कर हत्या के लिए उकसाया। उसके बाद पति सोहन साहू ने अपनी पत्नी ओमिका ध्रुव की गला घोंटकर हत्या कर की थी। मामलें में पुलिस ने आरोपी पति सोहन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया मगर इस हत्या के पीछे असल वजह बन रही महिला अधीक्षिका पर अबतक पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की है। हालांकि अधीक्षिका के लगातार शिकायतों के बाद कलेक्टर ने निरीक्षण कर जांच,निलंबन,कारण बताओ नोटिस की कार्यवाही की थी मगर उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के बाद अधीक्षिका पद पर बनी रही।

मृतका के भाई गावेंद्र ने वीडियो में कहा कि ओमिका ने गरियाबंद कस्तूरबा विद्यालय में पदस्थ रहते हुए विद्यालय की अधीक्षिका अमिता मेढे के खिलाफ शिकायत की थी। इस शिकायत के आधार पर 6 फरवरी को कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने छात्रावास का निरीक्षण किया, इस दौरान सामने आया कि छात्राओं को दबावपूर्वक परिसर से बाहर ले जाया जाता है. गेट रजिस्टर में एंट्री नहीं हो रही है। अधीक्षिका के पति व देवर को परिसर में आसानी से प्रवेश मिल जाता है। इन तथ्यों के आधार पर अधीक्षिका को 10 फरवरी को कार्यमुक्त कर दिया गया। हटाए जाने के बाद, अमिता मेढे ने न्यायालय का रुख किया और 4 मार्च को अदालत ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।

गावेंद्र का आरोप है कि इसके बाद से ही ओमिका को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा और उनके चरित्र पर लांछन लगाए गए, जिससे उनका वैवाहिक जीवन भी प्रभावित हुआ।
व्यवस्थित परिवार महिला अधीक्षिका के चारित्रिक लांछन से हुआ तहस नहस….
ओमिका ने साल 2014 में सोहन साहू से लव मैरिज की थी, दोनों के दो बच्चे हैं। अधीक्षिका के कार्यमुक्त होने के बाद लगातार प्रताड़ना से परेशान होकर वे पिछले कुछ दिनों से मायके में रह रही थी। 29 मार्च से 7 अप्रैल तक अवकाश पर थीं। उन्होंने अपनी पोस्टिंग कोतवाली में कराने की कोशिश की थी और 12 अप्रैल को आदेश लेने जा रही थीं, उसी दौरान उसके पति ने हत्या कर दी।